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Tuesday, June 30, 2015

वृन्दावन में हुकुम चले बरसाने वाली का !!




वृन्दावन में हुकुम चले बरसाने वाली का !!

अरे कान्हा भी दीवाना है श्री राधे रानी का !!

Monday, June 29, 2015

श्री कृष्ण ने क्यों किया कर्ण का अंतिम संस्कार अपने ही हाथेली पर?




श्री कृष्ण ने क्यों किया कर्ण का अंतिम संस्कार अपने ही हाथेली पर ?

जब कर्ण मृत्युशैया पर थे तब कृष्ण उनके पास आए। कर्ण ने कृष्ण को कहा कि उसके पास देने के लिए कुछ भी नहीं है। ऐसे में कृष्ण ने उनसे उनका सोने का दांत मांग लिया।

कर्ण ने अपने समीप पड़े पत्थर को उठाया और उससे अपना दांत तोड़कर कृष्ण को दे दिया। कर्ण ने एक बार फिर अपने दानवीर होने का प्रमाण दिया जिससे कृष्ण काफी प्रभावित हुए। कृष्ण ने कर्ण से कहा कि वह उनसे कोई भी वरदान मांग़ सकते हैं।

Saturday, June 20, 2015

अरे कान्हा भी दीवाना है श्री राधे रानी का






वृन्दावन में हुकुम चले बरसाने वाली का !!

अरे कान्हा भी दीवाना है श्री राधे रानी का !!

सभी को कहते देखा बड़ी सरकार श्री राधे !!

लगेगा पार बेड़ा जो कहेगा श्री राधे राधे !!

चारों तरफ है बजता डंका श्री वृषभान दुलारी का !!

अरे कान्हा भी दीवाना है श्री राधे रानी का !!


- जय श्री राधे राधे !! -


Thursday, June 18, 2015

जब गवाही देने अदालत पहुंचे बांके बिहारी


जब गवाही देने अदालत पहुंचे बांके बिहारी


कृष्णभक्तों में खासतौर पर बिहारीजी के भक्तों में एक कथा प्रचलित है। एक गरीब ब्राह्मण बांके बिहारी का भक्त था। एक बार उसने किसी महाजन से कुछ रुपये उधार लिए। हर महीने वह थोड़ा-थोड़ा करके कर्ज चुकाया। आखिरी किस्त के पहले महाजन ने उसे अदालती नोटिस भिजवा दिया कि उधार बकाया है और पूरी रकम व्याज सहित वापस करे।

ब्राह्मण परेशान हो गया। महाजन के पास जा कर उसने बहुत सफाई दी पर कोई असर नहीं हुआ। मामला कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट में भी ब्राह्मण ने जज से वही बात कही, मैंने सारा पैसा चुका दिया है। जज ने पूछा, कोई गवाह है जिसके सामने तुम महाजन को पैसा देते थे। कुछ सोचकर उसने बिहारीजी मंदिर का पता बता दिया।

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