Advertisements

Wednesday, March 18, 2015

कभी प्रीत लगाई नहीं वो प्रीत निभाना क्या जाने






जो प्रेम गली में आया ही नहीं कृष्णा प्रीतम का ठिकाना क्या जाने 

जिसने कभी प्रीत लगाई नहीं वो प्रीत निभाना क्या जाने 

जो वेद पढ़े और भेद करे मन में नहीं निर्मलता आई 

वह चाहे कितना ज्ञान कहे भगवान को पाना क्या जाने 


जय श्री राधे राधे !!


पुण्य कोटी जन्मों का उदित हो जाता हैं,  वृंदावन धाम में जो एक बार आ जाता हैं।
कामना न रहती किसी और बात की उसको, स्वर्ग पूर विमान यूँ कह कर फिराता हैं।
"ऐ हो देवदूतो !! क्यों विमान हो लाए यहाँ, अरे! वृंदावन छोड के बैकुंठ कौन जाता हैं।

Advertisements