जो प्रेम गली में आया ही नहीं कृष्णा प्रीतम का ठिकाना क्या जाने
जिसने कभी प्रीत लगाई नहीं वो प्रीत निभाना क्या जाने
जो वेद पढ़े और भेद करे मन में नहीं निर्मलता आई
वह चाहे कितना ज्ञान कहे भगवान को पाना क्या जाने
जय श्री राधे राधे !!
पुण्य कोटी जन्मों का उदित हो जाता हैं, वृंदावन धाम में जो एक बार आ जाता हैं।
कामना न रहती किसी और बात की उसको, स्वर्ग पूर विमान यूँ कह कर फिराता हैं।
"ऐ हो देवदूतो !! क्यों विमान हो लाए यहाँ, अरे! वृंदावन छोड के बैकुंठ कौन जाता हैं।