आयो फ़ाग उड़न रंग लाग्या, आवो म्हारा मन बसिया खेलां होली साँवरिया ।।।
आयो फ़ाग उड़न रंग लाग्या , आवो म्हारा मन बसिया खेलां होली सांवरिया।।।
रंगा का त्यौहार यो गिरधर, सगला लागै एक बरोबर
कुण मालिक कूण चाकरिया, खेलाँ होली साँवरिया ।।।
गैरो रंग गुलाल उड़ास्यां, मन बसिए संग धूम मचास्याँ
म्हारी छलक रही रंग गागरिया खेलाँ होली साँवरिया।।।
चंग बजावाँ नाचां गाँवा, जै विध रीझो श्याम रिझांवा
बाजी बाजी जी श्याम की बाँसुरिया खेलाँ होली साँवरिया।।।
प्रेम रसिक घनश्याम दीवानों भगतां कै संग बन मस्तानो
छानकाए रह्यो पग पैजानिया खेलां होली साँवरिया।।।
भगत रंग्या भगवान रंग्यो है "नंदू" रंग सुरंग मच्यो है
गले मिल रहे श्याम डाल बैय्याँ खेलाँ होली साँवरिया।।।
- जय श्री राधे राधे !!