"मथुरा की खुशबू,
गोकुल का हार,
वृन्दाबन की सुगंध,
बरसाने की फुहार,
राधा की उम्मीद,
कान्हा का प्यार,
मुबारक हो आपको,
होली का अग्निम त्यौहार
गोकुल का हार,
वृन्दाबन की सुगंध,
बरसाने की फुहार,
राधा की उम्मीद,
कान्हा का प्यार,
मुबारक हो आपको,
होली का अग्निम त्यौहार
गौरे गौरै मुखड़े को कर दिया लाल,
कन्हैयो-3 रंग लगावै, राधा जी निहाल ।
राधा और, कृष्ण दौनों, खेले है होली ,
जमनाजल में, दौनों ने ही, केशर है घोली,
केशरिया रंगे देखो, दौनों के ही गाल ।। ।।
प्रेम का है, रंग और, भावों की होली ,
दोनों ही, करे है देखो, हँसी ठिठौली ,
होली का मचाये देखो, सब ही धमाल ।। ।।
कान्हा जी ने, भर भर, मारी पिचकारी ,
"कान्हा" कहे, राधा देखो, भई मतवारी,
होली की ये, रासलीला, बड़ी ही कमाल ।। ।।